Cheap Electric Car: दुनिया भर में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में बड़े परिवर्तन के साथ, विभिन्न कंपनियां अब सस्ती इलेक्ट्रिक कारों को लॉन्च करने पर काम कर रही हैं। इन कारों की शुरुआती कीमतों को घटाकर, कंपनियां इसे अधिक लोगो के लिए उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं, और इसीलिए इन इलेक्ट्रिक वाहनों को कम कीमतों में लॉन्च करने की तैयारियां तेजी से चल रही है।
बैटरी की कीमतों में कमी !
इन नए इलेक्ट्रिक वाहनों के मूल्यों में कमी आने का एक और कारण बताया जा रहा है, जी हां जो इस इंडस्ट्री को और अधिक ऊंचाई पर लेकर जायेगा। टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के एमडी, शैलेश चंद्रा, ने बताया कि बैटरी की लागत में हाल ही में होने वाली गिरावट के कारण, इस इलेक्ट्रिक रिवोल्यूशन की राह में एक और कदम बढ़ा है। चंद्रा ने बताया कि बैटरी की लागत प्रति किलोवाट घंटे लगभग 130 डॉलर (लगभग 10,800 रुपए) तक गिर गई है।
नई टेक्नोलॉजी ! होगी और भी खास
इस नई तकनीकी विकास के कारण ही, इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार में एक नया सेगमेंट उत्पन्न हो सकता है – 250 किमी तक की वास्तविक रेंज वाली इलेक्ट्रिक कारें, जिनकी कीमतें आम इंटरनल कंबस्टन इंजन (ICE) कारों के समान हो सकती हैं।
चंद्रा ने इस नए परिवर्तन को देखते हुए यह कहा है कि ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहन को आपसी तुलना में प्रीमियम के लिए तैयार हैं, जबकि वह चाहते हैं कि ये कारें आम ICE वाहनों की कीमतों के समान हों। उनका कहना यह है कि आने वाले डेढ़ सालों में बाजार में 200 से 250किमी रेंज वाली कारें उपलब्ध हो सकती हैं, जिनकी कीमतें ICE और EV के बीच 30% अंतर के साथ हो सकती हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की कीमतों में गिरावट के पीछे कई कारण हैं, और इसमें LFP (लिथियम फेरो फॉस्फेट) बैटरी पैक का अहम योगदान है। टाटा मोटर्स ने LFP बैटरी पैक का उपयोग किया है, जबकि महिंद्रा NMC (निकेल, मैंगनीज, कोबाल्ट) बैटरी का इस्तेमाल करती है।