चंडीगढ़ प्रशासन ने यूनियन टेरिटरी में जुलाई के महीने से पेट्रोल वाले दो पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन बंद करने का फैसला लिया है जिसमे न केवल पेट्रोल वाहन बल्कि हर गैर इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं, साथ ही दिसंबर के महीने से नई कार का भी रजिस्ट्रेशन बंद हो जायेगा।
इसका प्रमुख लक्ष्य प्रदेश को प्रदूषण मुक्त और ज्यादा हरित बनाना है, यह फैसला इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 के तहत लिया गया है, यानी बताए हुए महीने की शुरुआत से ही आप कोई भी नई बाइक, स्कूटर या कार जो मुख्यतः आईसी इंजन से चलते हैं नहीं खरीद पाएंगे, अब क्या है पूरी खबर आइए जानते हैं विस्तार से।
ये रहा था वित्तीय वर्ष 2022 – 2023 का प्रदेश को हरित बनाने के लिए लक्ष्य, जानें इस वर्ष का लक्ष्य
जैसा हमने आपको बताया ऐसा कदम चंडीगढ़ को और ज्यादा हरित और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उठाया गया है साथ ही इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर लोगों का झुकाव भी बढ़ेगा, पिछले वित्तीय वर्ष 2022 – 2023 यह लक्ष्य चौपहिया वाहनों के लिए 10 फीसदी और दोपहिया वाहनों के लिए 35 फीसदी का था वहीं वित्तीय वर्ष 2024 की शुरुआत तक इस लक्ष्य को चौपहिया वाहनों के लिए 20 प्रतिशत तथा दो पहिया वाहनों के लिए 70 प्रतिशत का रखा गया है।
चंडीगढ़ में इस साल इतने से ज्यादा दो पहिया वाहन नहीं खरीद पाएंगे
चंडीगढ़ में इस वर्ष केवल दो पहिया वाहनों की संख्या केवल 6,202 निर्धारित की गई है, यानी इससे ज्यादा दो पहिया वाहनों की बिक्री अब प्रदेश में नहीं होगी, अगर आंकड़ों की मानें तो अभी तक कुल 4,032 दो पहिया आईसी इंजन वाले वाहनों की बिक्री ही हुई है यानी अब केवल 2,170 पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को ही चंडीगढ़ में खरीदा और बेचा जा सकता है।
दिसंबर में कार भी हो जाएंगी बंद !
उसी प्रकार से दिसंबर के महीने से कार के भी रजिस्ट्रेशन बंद हो जाएंगे, इस पर भी सरकार ने रोक लगाते हुए इसकी सीमा को मात्र 22,626 ही रखा है। यानी पेट्रोल, डीजल से चलने वाली आईसी इंजन की गाड़ियों को केवल इतनी मात्रा में ही प्रदेश वासी खरीद सकते हैं तथा दिसंबर के महीने से इसका पंजीकरण पूरी तरह से बंद हो जायेगा। ऐसा कर देने से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बहुत ज्यादा बूस्ट मिलेगा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और ज्यादा हरित और प्रदूषण मुक्त हो जाएगा।