जिस प्रकार से भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड तेजी से बढ़ी थी, उसी प्रकार Fame 2 सब्सिडी के कम हो जाने के कारण इसकी डिमांड ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई है, यही कारण है कि जून में केवल दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में ही 56% की गिरावट दर्ज की गई है जिसका प्रमुख कारण Fame 2 सब्सिडी का प्रमुख कारण कम होना है।
इसी बीच कर्नाटका सरकार का एक फैसला इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट पर और बड़ा असर डालने जा रहा है, आइए जानते हैं किस प्रकार यह फैसला इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड को भारतीय बाजार में कम कर देगा।
कर्नाटका सरकार के इस फैसले से इलेक्ट्रिक स्कूटर और गाड़ियों की कीमतें आसमान छुएंगी
यूं तो कर्नाटका और खास तौर पर बंगलौर इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों का हब माना जाता है, यही कारण है कि अधिकतर इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं की जड़ बैंगलोर से ही जुड़ी हुई है, अगर चार्जिंग स्टेशन की भी संख्या देख लें तो कर्नाटका में कुल 698 वहीं महाराष्ट्र और दिल्ली में क्रमशः 660 और 539 चार्जिंग स्टेशन मौजूद हैं।
लेकिन कर्नाटका सरकार के 7 जुलाई को स्टेट बजट पेश करने के दौरान लिया गया एक फैसल इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड को राज्य में कम करने वाला है, दरअसल इससे पहले राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स बिलकुल भी नहीं लग रहा था लेकिन अब सरकार ने 100% रोड टैक्स लेने का फैसला लिया है। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड काफी कम होने के पहले ही संकेत मिल रहे हैं और लोग आईसी इंजन वाले वाहनों पर शिफ्ट हो रहे हैं।
इसका कारण है अभी वैसे भी इलेक्ट्रिक वाहन देश में नए हैं और ये लंबे दौर में कितने सुरक्षित हैं यह भी किसी को अंदाजा नहीं है, ऐसे में बहुत सारे लोग आईसी इंजन वाले वाहनों का ही रुख कर रहे हैं, अब जो लोग इनको खरीदने का भी प्लान बना रहे थे वो भी अपना प्लान चेंज कर रहे हैं। हालांकि कर्नाटका सरकार न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% रोड टैक्स लेगी बल्कि सरकार आईसी इंजन वाले वाहनों पर भी भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा रोड टैक्स लेती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कर्नाटका में 5 लाख से कम कीमत वाली आईसी इंजन वाली गाड़ियों पर 13% रोड टैक्स लगता है वहीं 5-10 लाख रुपए की गाड़ियों पर 14% लगता है तथा 10-20 लाख की रेंज वाली गाड़ियों पर 17% रोड टैक्स के साथ यदि कोई 20 लाख से ऊपर के कीमत की गाड़ी खरीदता है तो उसे 18% रोड टैक्स देना होता है।
क्या है भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य
1-2 वर्षों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहन काफी प्रगति पर दिख रहे थे उसके बाद सरकार के ही फैसलों के कारण इनके दाम बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं, अभी तो कर्नाटका की शुरुआत है मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक अन्य राज्यों में भी धीरे-धीरे रोड टैक्स लगने की शुरुआत हो सकती है, उसके बाद काफ़ी कम लोग ही रह जाएंगे जो इलेक्ट्रिक वाहनों का रुख करेंगे। हालांकि भविष्य में यदि इलेक्ट्रिक वाहनों की सप्लाई चेन में सुधार आता है और इनकी कीमत निर्माता के तरफ से ही थोड़ी कम देखने को मिलती है तब एक बार इस सेगमेंट में दुबारा ग्रोथ देखी जा सकती है।