किसी भी बाइक को खरीदने के लिए EMI या फुल पेमेंट में से कौन सा होता है ज्यादा बेहतर विकल्प, जानें दोनो के फायदे और नुकसान !

भला नई बाइक खरीदने का शौक किसको नहीं होता, मोटरसाइकिल, स्कूटर या कोई भी दो पहिया वाहन आज के समय में हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए हैं जिसकी हमे रोजमर्रा के जीवन में आवश्यकता पड़ती ही है। ऐसे में बाइक को फुल पेमेंट देकर खरीदा जाए या EMI पर खरीदा जाए ये बड़ा प्रश्न आता है, आज के इस लेख में हम आपको इन दोनो ही विकल्पों की गहराई से तुलना करके बताएंगे कि आपके लिए कौन सा विकल्प परफेक्ट है, साथ ही फुल पेमेंट तथा EMI पर बाइक को खरीदने के क्या फायदे और नुकसान निहित हैं।

बाइक को EMI पर खरीदने के ये होते हैं फायदे !

बाइक को EMI पर खरीदने के कई फायदे होते हैं, अगर सबसे पहले फायदे की बात करें वो यह है कि आपको बाइक के पैसे काफी आसान किस्तों में देने होते हैं जिससे एक बड़ा अमाउंट कई हिस्सों में बंट जाता है और महंगी बाइक को भी काफी आसानी से खरीदा जा सकता है, आम तौर पर आपको 1 वर्ष से लेकर 4 वर्ष तक की EMI का ऑप्शन आराम से देखने को मिल जाता है जो आपकी जेब में बाइक की पूरी रकम न होने की स्थिति में भी आपको बाइक खरीदने के योग्य बना देता है।

अगर हम दूसरे लाभ की बात करें तो वो है आपके बाइक को EMI पर खरीदने से और उसको सही समय पर भरने से एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बन जाती है जिससे आप भविष्य में भी कोई बड़ा लोन आसानी से ले सकते हैं।

मान लीजिए आप मार्केट में हैं और आपको कोई बाइक बेहद पसंद आ गई तब वह बाइक आपके बजट में न होने के बावजूद भी आप उसे EMI पर खरीद सकते हैं।

बाइक को EMI पर खरीदने के ये होते हैं नुकसान !

वहीं बाइक को EMI पर खरीदने के कुछ नुकसान भी होते हैं जिसमे सबसे पहला नुकसान है कि आपको बाइक के दाम से ज्यादा कीमत देनी होती है, दरअसल, बाइक को EMI पर खरीदने के लिए किसी फाइनेंस कंपनी का सहारा लेना होता है जो आपको बाइक तो दिला देती है लेकिन आपको 10-12% से ज्यादा भी बैंक इंटरेस्ट रेट देना पड़ जाता है।

बाइक को EMI पर खरीदने से दूसरा बड़ा रिस्क डिफॉल्ट का होता है यानी अगर मान लीजिए कुछ खराब परिस्थियों के कारण आपने 2-3 महीनों तक लोन नहीं भरा तब आप पर न केवल पेनाल्टी लगती है बल्कि आपकी इससे क्रेडिट हिस्ट्री भी खराब होती है और भविष्य में आपको कोई दूसरा लोन मिले या न मिले, इसमें भी शंका बनी रहती है।

साथ ही जो तीसरा बड़ा नुकसान EMI पर बाइक लेने से निहित है वो है कि हर कोई इसके लिए क्वालीफाई नहीं हो पाता है इसके लिए आपके पास निरंतर बढ़िया आय होनी चाहिए या एक अच्छा क्रेडिट स्कोर भी होना चाहिए।

बाइक को फुल पेमेंट देकर खरीदो और सभी झंझट से बचो, जानें फायदे और नुकसान !

बाइक को फुल पेमेंट देकर खरीदने से आपको किसी भी प्रकार का अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होता है, सिर्फ बाइक की ऑन रोड कीमत को ही देना होता है जिसमे आपकी बाइक की एक्स शोरूम कीमत, इंश्योरेंस और RTO के चार्जेस सम्मिलित होते हैं। इसके अलावा आपको “हर महीने EMI भरनी है”- ये भी झंझट नहीं होती है।

साथ ही आपको गाड़ी की फुल ओनरशिप भी तुरंत मिल जाती है, आपकी जानकारी के लिए बता दें वहीं अगर आप बाइक को EMI पर लेते हैं तो आपको गाड़ी के कागजात तो मिल जाते हैं लेकिन EMI पीरियड तक गाड़ी की ओनरशिप लोन देने वाली कंपनी के पास ही होती है।

वहीं अगर फुल पेमेंट पर बाइक लेने के कुछ नुकसान की बात करें तो इसके लिए आपको पूरे पैसे एक बार में देने होते हैं जिससे आपका बजट डमाडोल हो सकता है, साथ ही अगर आपको कोई ऐसे बाइक पसंद आती है जिसकी कीमत ज्यादा है लेकिन वो आपके बजट से बाहर है तो आप उसे फुल पेमेंट करके नहीं ले पाते हैं।

अंततः बाइक को फुल पेमेंट पर खरीदा जाए या EMI पर खरीदा जाए यह आपकी निजी परिस्थितियों और इच्छा पर निर्भर करता है, यदि आप किसी बाइक को फुल पेमेंट में खरीदने के लिए सक्षम हैं तब आपको यही करना चाहिए अन्यथा EMI पर खरीदना भी बेहतर विकल्प है जो अधिकतर लोग अपनाते हैं।