EV सब्सिडी क्षेत्र में एक और कदम ! भारत सरकार द्वारा ये रुझान है खास, जानें डिटेल

By Divy Auto Desk

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जैसा कि आप जानते हैं आज के दौर में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का लगभग हर देश इलेक्ट्रिक वाहनों को बेहद तेजी से चला रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डीजल और पेट्रोल इंजन वाली कारें बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती हैं।

कार्बन छोड़ने के कारण हमारा पर्यावरण काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है और इसे सुरक्षित रखना काफी जरूरी हो गया है। अगर समय रहते पर्यावरण की रक्षा नहीं की गई तो हमारी पूरी दुनिया विनाश की कगार पर पहुंच सकती है।

इस वजह से, इस दुनिया का लगभग हर देश इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के साथ – साथ चल रहा है। यह सुनिश्चित करना कि कार्बन emissions को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।

भारत भी EV में आगे ! लोगो को मिल रही जागरूकता अब इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति

भारत भी इस अभियान में तेजी से शामिल रहा है। इस पर गौर करें तो भारत में ऑटोमोबाइल बाजार में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहा है। यह एक जरूरी बदलाव है।

भारत सरकार ने भी ग्लोबल मंच पर वर्ष 2070 से पहले जीरो कार्बन emissions की घोषणा की है। इसलिए इस क्षेत्र में आगे बढ़ना बेहद जरूरी है। भारत सरकार में सरकारी अधिकारियों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों में रुचि जगाना है।

EV स्कूटर और कारों पर सब्सिडी !

भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से एक योजना इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी है।

सब्सिडी कार्यक्रम के द्वारा ग्राहकों को बहुत सस्ती कीमत पर इलेक्ट्रिक कारें मौजूद कराई जाती हैं। इसका मतलब है कि लोगों का रुझान इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहा है।

इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों में भी छूट की पेशकश की जाती है। संघीय सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने के साथ-साथ, यह विभिन्न राज्यों की सरकार द्वारा है।

आखिरकार ! सब्सिडी का नियम किस प्रकार, जानें

केवल वे ही लोग हैं, जो जानते हैं कि किस तरीके से सब्सिडी दी जाती है। वर्तमान समय में भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों पर फेम सब्सिडी 2 की योजना चलाई जा रही है।

यदि आप दो या चार पहिया इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल खरीदते हैं। इसका मतलब है कि छूट की गणना बैटरी की क्षमता के अनुसार की जाती है।

मान लीजिए, 1 किलोवाट की क्षमता पर 5000 रुपये की सब्सिडी यानी जब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की पावर क्षमता 3 किलोवाट से अधिक हो। इसका मतलब है कि इसके लिए कुल 15,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है।