आपकी सुरक्षा के लिए अब गाड़ियां बनेंगी और सुरक्षित, 1 अक्टूबर से इस प्रकार से टेस्ट होंगी सभी गाड़ियां !

By Divy Auto Desk

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जहां पहले लोग गाड़ी खरीदते समय सारा ध्यान गाड़ी में आने वाले फीचर्स, उसके रंग, डिजाइन औरुक पर देते थे वहीं अब लोग सुरक्षा को भी तबज्जो देने लगे हैं, यही देखते हुए गाड़ी निर्माता कंपनियां गाड़ियों में खूब सारे सेफ्टी फीचर्स देने लगीं हैं, लेकिन अब गाड़ियों को लोगों के लिए और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने भी एक बड़ा कदम उठाने के निर्णय लिया है जो इसी वर्ष 1 अक्टूबर से लागू हो जायेगा, दरअसल सरकार ने गाड़ियों को टेस्ट करने का पैमाना बदलने का निर्णय लिया है, जिससे गाड़ियां और ज्यादा सुरक्षित बनेंगी, आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर विस्तार से।

बदलेगा गाड़ियों को टेस्ट करने का तरीका, 1 अक्टूबर से इस प्रकार से टेस्ट होंगी सभी गाड़ियां !

अभी तक अधिकतर गाड़ियों की टेस्टिंग भारत में न होकर विदेश में होती थी Global NCAP के जरिए गाड़ियों को यह रेटिंग दी जाती थी कि कौन सी कार कितनी सुरक्षित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें ये टेस्टिंग उतनी ज्यादा एफिशिएंट नहीं होती है क्योंकि दूसरे देशों मे वो अपने पैमानों से गाड़ी की टेस्टिंग को करते हैं, जबकि भारत का पूरा भूगोल अलग है, सड़क की स्थिति अलग है, गाड़ी चलाने का तरीका और गाड़ियों की संख्या के साथ एक्सीडेंट होने का तरीका भी भिन्न है, ऐसे में Global NCAP सुरक्षा रेटिंग के पैमानों पर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जा सकता है।

इस प्रकार भारत में होने वाली कार टेस्टिंग Global NCAP सुरक्षा टेस्टिंग से होगी बिलकुल अलग

भारत में सुरक्षा टेस्टिंग की शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी, सबसे पहले ये M1 गाड़ियों जिस गाड़ी की सीटिंग कैपेसिटी 8 लोगों की है उस पर टेस्टिंग होगी, अगर हम Global NCAP सुरक्षा टेस्टिंग की बात करें तो वहां गाड़ी के क्रैश टेस्ट चेकिंग के दौरान अधिकतर गाड़ी के अगले भाग को क्रैश करके देखा जाता है क्योंकि विदेशों में ज्यादा गाड़ियों की भीड़ न होने के कारण तथा सड़कों की स्थिति बेहतर होने के कारण इसी प्रकार से एक्सीडेंट होता है।

वहीं भारत की बात की जाए तो उतनी ज्यादा अच्छी सड़के और रोड मैनेजमेंट न होने के कारण गाड़ी की टक्कर साइड से, पीछे से टाटा दाईं और बाईं ओर से भी हो जाती है। ऐसे में Global NCAP सुरक्षा टेस्टिंग के भारत में कोई मायने नहीं रह जाते हैं, इसलिए सरकार ने हर दृष्टिकोण से सोंचकर गाड़ी की सुरक्षा टेस्टिंग करने के पैमाने को बदलने का फैसला लिया है।

अब मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट के आदेशानुसार भारतीय सुरक्षा टेस्टिंग मायनों से गाड़ियों के सुरक्षा लेवल को भारतीय तौर तरीकों से चेक किया जाएगा, जिससे विदेशी कार मैन्युफैक्चरर्स भी उस प्रकार की गाड़ियों का निर्माण कर सकें जो भारत के लिए बेस्ट हो, और यहां के निवासियों के लिए अधिक सुरक्षित हो।

इतना ही नहीं सरकार सभी गाड़ियों के मॉडल के साथ उसकी भारतीय सुरक्षा रेटिंग को एक वेबसाइट पर भी अपलोड कर सकती है, जिसका डाटा आपको आगे से गाड़ी खरीदते समय शोरूम पर भी दिखाया जायेगा तथा आप अपने फोन में भी इसको चेक करने के लिए सक्षम हो पाएंगे।

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